पन्ना जिले की तहसीलें और उनका गठन:

पन्ना जिले में कुल 9 तहसीलें हैं। ये तहसीलें समय-समय पर प्रशासनिक आवश्यकता और विकास के अनुरूप गठित की गई हैं। इन तहसीलों का गठन ऐतिहासिक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि यह ज़िला मध्य प्रदेश राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

अजयगढ़ तहसील (Ajaygarh Tehsil)

गठन: यह तहसील 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान बनी थी।

इतिहास: अजयगढ़ किला बुंदेला राजवंश के तहत था और यह स्थान मध्यकाल में महत्वपूर्ण था। यहाँ के किलों और स्थलों का ऐतिहासिक महत्व है।

  • वर्तमान स्थिति: अजयगढ़ तहसील पन्ना जिले के दक्षिणी हिस्से में स्थित है, जिसमें कृषि और वन्य जीवन दोनों ही प्रमुख हैं। यहाँ पन्ना टाइगर रिजर्व भी स्थित है।
  • मुख्य कार्य: अजयगढ़ में भूमि विवादों का समाधान, सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए काम किया जाता है।

अमानगंज तहसील (Amananj Tehsil)

  • गठन: अमानगंज तहसील का गठन 19वीं सदी के अंत में हुआ था।
  • इतिहास: यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है और यहाँ की प्रमुख जलस्रोतों और जंगलों का महत्व है।
  • वर्तमान स्थिति: अमानगंज की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है, और यह क्षेत्र वन्य जीवन संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
  • वर्तमान तहसीलदार: स्थानीय जिला प्रशासन से तहसीलदार का नाम और संपर्क जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  • मुख्य कार्य: यहाँ के मुख्य कार्यों में ग्रामीण विकास, सिंचाई योजनाएँ, वन संरक्षण, और सामाजिक कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन शामिल हैं।
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देवेन्द्रनगर तहसील (Devendranagar Tehsil)

  • गठन: देवेन्द्रनगर तहसील का गठन मध्य प्रदेश राज्य बनने के बाद हुआ था।
  • इतिहास: देवेन्द्रनगर क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व है, और यह क्षेत्र भी खेती और जल प्रबंधन के लिए जाना जाता है।
  • वर्तमान स्थिति: देवेन्द्रनगर में सिंचाई सुविधाएँ, कृषि सुधार योजनाएँ और जल संचयन योजनाएँ चल रही हैं। यह क्षेत्र औद्योगिक विकास की दिशा में भी बढ़ रहा है।
  • वर्तमान तहसीलदार: इस तहसील के तहसीलदार का नाम और संपर्क जानकारी पन्ना जिला प्रशासन से प्राप्त की जा सकती है।
  • मुख्य कार्य: कृषि कार्यों के अलावा, यहाँ प्रशासनिक सुधार, भूमि नवीनीकरण, और गरीबों के लिए सरकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है।
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गुनौर तहसील (Gunour Tehsil)

  • गठन: गुनौर तहसील का गठन 20वीं सदी के मध्य में हुआ था।
  • इतिहास: गुनौर क्षेत्र बुंदेलों के किलों और ऐतिहासिक स्थलों से जुड़ा हुआ है, और यह क्षेत्र मध्यकाल से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक महत्वपूर्ण रहा है।
  • वर्तमान स्थिति: गुनौर तहसील की मुख्य आर्थिक गतिविधि कृषि है, और यहाँ सिंचाई और जल प्रबंधन के कई सुधार कार्य चल रहे हैं।
  • वर्तमान तहसीलदार: गुनौर तहसील के तहसीलदार का नाम और संपर्क जानकारी पन्ना जिले के प्रशासन से प्राप्त की जा सकती है।
  • मुख्य कार्य: जल प्रबंधन, ग्रामीण विकास, और कृषि योजनाओं का कार्यान्वयन किया जाता है।
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पन्ना तहसील (Panna Tehsil)

  • गठन: पन्ना तहसील का गठन मध्यकाल में हुआ था और यह पन्ना जिले का मुख्यालय बन गया।
  • इतिहास: पन्ना का ऐतिहासिक महत्व है, खासकर हीरा खदान और बुंदेला शासन के समय से। यहाँ पन्ना किला और अन्य ऐतिहासिक स्थल महत्वपूर्ण हैं।
  • वर्तमान स्थिति: पन्ना का मुख्य आकर्षण पन्ना टाइगर रिजर्व है। यह पर्यटन स्थल और वन्य जीवन संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है।
  • वर्तमान तहसीलदार: पन्ना तहसील के तहसीलदार का नाम और संपर्क जानकारी पन्ना जिला प्रशासन से ली जा सकती है।
  • मुख्य कार्य: पन्ना में पर्यावरण संरक्षण, भूमि विवादों का समाधान, और शहरी और ग्रामीण योजनाओं का कार्यान्वयन किया जाता है।
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पवई तहसील (Pawai Tehsil)

  • गठन: पवई तहसील का गठन स्वतंत्रता के बाद हुआ था।
  • इतिहास: पवई क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का बहुत महत्व है और यहाँ कृषि का मुख्य स्रोत है।
  • वर्तमान स्थिति: यहाँ जल प्रबंधन, सिंचाई योजनाएँ, और कृषि कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • वर्तमान तहसीलदार: पवई तहसील के तहसीलदार की जानकारी पन्ना जिला कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।
  • मुख्य कार्य: कृषि सुधार, जल संरक्षण, और ग्रामीण विकास की योजनाएँ कार्यान्वित की जा रही हैं।
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रैपुरा तहसील (Raipura Tehsil)

  • गठन: रैपुरा तहसील का गठन 20वीं सदी के मध्य में हुआ था।
  • इतिहास: यह क्षेत्र जल प्रबंधन और कृषि गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण था।
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  • वर्तमान स्थिति: रैपुरा क्षेत्र में जल संरक्षण और सिंचाई की योजनाएँ प्राथमिकता पर हैं।
  • वर्तमान तहसीलदार: रैपुरा तहसील के तहसीलदार का नाम और संपर्क जानकारी पन्ना जिला प्रशासन से प्राप्त की जा सकती है।
  • मुख्य कार्य: रैपुरा में जल संचयन, सिंचाई कार्य, और भूमि पुनर्विकास योजनाएँ चल रही हैं।

शाहनगर तहसील (Shahnagar Tehsil)

  • गठन: शाहनगर तहसील का गठन स्वतंत्रता के बाद हुआ था।
  • इतिहास: शाहनगर क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है और यहाँ के किलों और स्थापत्य कला का अध्ययन किया जाता है।
  • वर्तमान स्थिति: शाहनगर क्षेत्र में जल प्रबंधन, कृषि और सिंचाई कार्य प्राथमिकता में हैं।
  • वर्तमान तहसीलदार: शाहनगर तहसील के तहसीलदार का नाम और संपर्क जानकारी पन्ना जिला प्रशासन से प्राप्त की जा सकती है।
  • मुख्य कार्य: ग्रामीण विकास, जल प्रबंधन और भूमि सुधार की योजनाएँ इस तहसील में चल रही हैं।
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सिमरिया तहसील (Simaria Tehsil)

  • गठन: सिमरिया तहसील का गठन स्वतंत्रता के बाद हुआ था।
  • इतिहास: यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है और यहाँ कृषि आधारित विकास हुआ है।
  • वर्तमान स्थिति: सिमरिया में जल प्रबंधन और कृषि सुधार योजनाएँ जारी हैं।
  • वर्तमान तहसीलदार: सिमरिया तहसील के तहसीलदार का नाम और संपर्क जानकारी पन्ना जिला प्रशासन से प्राप्त की जा सकती है।
  • मुख्य कार्य: जल प्रबंधन, सिंचाई, और भूमि सुधार योजनाएँ इस तहसील में लागू की जाती हैं।
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तहसीलदार के कार्य:

तहसीलदार एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारी होते हैं जो निम्नलिखित कार्यों में संलग्न होते हैं:

  • राजस्व कार्य: भूमि रिकॉर्ड, भू-राजस्व संग्रहण, और भूमि संबंधित विवादों का समाधान।
  • न्यायिक कार्य: छोटे और मध्य श्रेणी के न्यायिक मामले जैसे जमानत, मुकदमे की सुनवाई, आदि।
  • विकास कार्य: पंचायत स्तर पर विकास योजनाओं का कार्यान्वयन, जैसे स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, सड़कों और जल आपूर्ति परियोजनाएँ।
  • सामाजिक कल्याण: सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन और निगरानी।

तहसीलदार का कार्य बहुत व्यापक होता है और यह सुनिश्चित करता है कि जिले के विकास और प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चलें।